पहली मान्यता:- जब तक्षक नाग 🐍 के काटने से राजा परीक्षित की मौत हो गई थी तो उसके कुछ वर्षों के बाद तक्षक की चौथी पीढ़ी की कन्या का विवाह राजा परीक्षित की चौथी पीढ़ी में हुआ, विवाह के बाद उसने अतीत का यह राज एक सेविका को बता दिया, कन्या ने सेविका से कहा कि वो ये बात किसी और को ना बताए लेकिन सेविका से रहा नहीं गया और उसने यह बात एक दूसरी सेविका को बता दी, इस तरह ये बात फैलते-फैलते पूरे नगर में फैल गई, और ये बात जब तक्षक के राजा तक पहुंची तो उन्हें क्रोध आ गया. उन्होंने नगर की सभी स्त्रियों को चौराहे पर इकट्ठा होने का आदेश दिया, इसके बाद कोड़ों से पिटवाकर उन्हें मरवा दिया, राजा को इस बात का गुस्सा था कि औरतों के पेट में कोई बात नहीं पचती और इस वजह से उसकी पीढ़ी से जुड़ी अतीत की एक पुरानी बात पूरे साम्राज्य में फैल गई! मान्यताओं के अनुसार तभी से गुड़िया पीटने की परंपरा का प्रारंभ हुआ।।
दूसरी मान्यता:- एक लड़की का भाई भोलेनाथ का परम भक्त था, वह प्रतिदिन मंदिर जाता था, हर रोज उसे वहां पर नाग देवता के दर्शन होते थे, नाग और लड़के की अच्छी दोस्ती हो गयी थी, फिर वह लड़का हर रोज नाग को दूध पिलाने लगा, एक दिन वह अपनी बहन के साथ मंदिर में जाता है, और नाग हमेशा की तरह लड़के के पैरों से आकर लिपट गया, 🐍 ये देखकर बहन डर गई, उसे लगा कि नाग उसके भाई को काट रहा है, बहन ने भाई की जान बचाने के लिए उस नाग को पीट-पीटकर मार डाला, इसके बाद जब भाई ने अपनी और नाग की दोस्ती की पूरी कहानी बहन को बताई तो बहन रोने लगी और वहां उपस्थित लोगों ने कहा कि 'नाग' देवता का रूप होते हैं, तुमने उसे मार दिया इसीलिए तुम्हें सजा तो मिलनी ही चाहिए, यह गलती लड़की से अनजाने में हुई है इसलिए आज से इस दिन लड़की की जगह गुड़िया को पीटा जाएगा, तभी से नागपंचमी की इस परंपरा के दौरान गुड़िया को पीटा जाता है।।
Happy NaagPanchami 🐍
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